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JUDAI ShaYarI Quat CollectioN जुदाई दूरियां शायरी हिंदी My MatruBhashA.CoM

जुदाई शायरी | (Separation poetry)

 दोस्तो की जुदाई का गभ ना करना,
दुर रहो तो भी दोस्ती कम ना करना,
अगर मिले जिँन्दगी के किसी मोड पर हम,
तो हमे देख कर अपनी आँखे बन्द ना करना। 



* याद मे तेरी आँखे भरता हे कोई,
हर सांस के साथ याद करता ह कोई,
मौत तो ऐसी चीज़ हे जिसको आना ही हे…
लेकिन तेरी जुदाई मे हर रोज मरता हे कोई 




* जमाने से नही तो तनहाई से डरता हुँ,
प्यार से नही तो रुसवाई से डरता हुँ,
मिलने की उमंग बहुत होती है,
लेकिन मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरता हुँ । 


* किस्मत पर एतबार किसको हैं
 मिल जाये खुसी इंकार किसको हैं
 कुछ मजबूरिय हैं मेरे दोस्त 
वरना जुदाई से प्यार किसको हैं 

















 कुरबतों में भी जुदाई के जमाने मांगे
दिल वो बेमेहर कि रोने के बहाने मांगे
हम न होते तो किसी और के चर्चे होते
खिलकते शहर तो कहने को फसाने मांगे
यही दिल था कि तरसता था मरासिम के लिए
अब यही तर्के तअल्लुक के बहाने मांगे 


 दिल का रिश्ता है हमारा
दिल के कोने में नाम है तुम्हारा
हर याद मैं है चेहरा तुम्हारा
हम साथ नहीं तो क्या हुआ
ज़िन्दगी भर प्यार निभाने का वादा है हमारा 



 आह और दर्द बस तेरा तलबगार हुआ
आंख पत्थर हुई, अश्क आबशार हुआ 

 ये जुदाई भी अमावस का एक सितारा है
चांद के बिन ये फलक भी दागदार हुआ 


 उसको चाहा पर इज़हार करना नहीं आया;
कट गई उम्र हमें प्यार करना नहीं आया;
उसने कुछ माँगा भी तो मांगी जुदाई;
और हमें इंकार करना नहीं आया। 



क्या मजबूरी हे उनकी, जो हम से इतना दूर रहते है,
हम उनको बूहात चहाते है, पर वो हम से क्यो नही कहते है,
क्यो हम से इतना दूर-दूर रहते है … 



 चाँद की रातों मे सारा जहाँ सोता है,-
किसी की यादो मे कोई बदनसीब रोता है,
खुदा किसी को मोहब्बत पे फिदा ना करे,
अगर करे तो किसी को जुदा ना करे